The Basic Principles Of bhoot wali kahani

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. यह तो हमारे गांव का ही इंसान है..मुझे जल्दी जा कर यह बात सबको बतानी होगी..

कहानी से शिक्षा :- हमें कभी अंधविश्वास पर भरोसा नहीं करना चाहिए.. और हर समस्या का समाधान अपनी बुद्धि से करनी चाहिए.. 

 उस घर में आखिर क्या है इसे जानने केलिए मैं, तुम्हारे राजेश मामा और गीता मामी वहाँ गए और ठहरने का फैसला किया। रात को हम सब वहाँ घटती घटनाओं के बारे में सुनकर डर से एक दूसरे के करीब हाल में ही सो गए लेकिन तुम्हारे राजेश मामा वहीं उस ए सी कमरे में जाके सो गया। उसने पीने के लिए गर्म पानी एक गिलास में भरकर ,उसके ऊपर एक प्लास्टिक क्लोजर रखकर उसे वही काट के पास छोटे मेज़ पे रखा। रात को उसे वह सभी अनुभव हुआ जैसे तुम्हारे मासाजी और मासी को हुवा। किटकियाँ पट पटा रहीं थीं। हल्के से कोई कम्बल खींच रहा था। किसी का अंदर बाहर जाने का आभास!

एक दिन एक चरवाहा अपनी कुछ बकरियों के साथ कुएं के पास से गुजर रहा था.. तभी उसकी एक बकरी कुए के बिल्कुल नजदीक चली जाती है.

भूतों के गुरु जी ने सोचा कि पहलवान से चुप कर हमला किया जाए। इधर पहलवान पहले से ही दांव लगाए बैठा था कि कब बिल्ली घर में प्रवेश करें और उस पर हमला किया जाए। लेकिन बहुत देर से बिल्ली अंदर ही नहीं आ रही थी। बहुत समय हो गया तो पहलवान धीरे-धीरे पीछे हट गया और चूल्हे के पास जाकर छुप गया। बिल्ली अंदर आकर जैसे ही पहलवान पर हमला करने का प्रयास करती है। पहले से सतर्क पहलवान ने बिल्ली की कमर पर जोर से लोहे का डंडा मार दिया। 

एक बार भूत से परेशान गांव के लोगों ने एक बहुत बड़े साधू को गांव में बुलाया और उनसे अपनी समस्या का निदान करने के लिए गुजारिश की। गांव वाले साधू को उस पेड़ के पास ले जाते हैं, जहां भूत का वास होता है। साधू अपने जप और तप से भूत को काबू करने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन वह उसके हाथ नहीं आता।

चरवाहा : सरकार… सरकार… उसने मेरे सामने ही मेरे बकरी को गायब कर दिया.. उसने मेरे बकरी को कुए के अंदर खींच लिया..

जैसे ही श्राप उठा, वह आत्मा राम और सोनू को उनकी बहादुरी और दया के लिए धन्यवाद दिया, और उस गुफा को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई। कुत्ता, जो अब श्राप से मुक्त हो गया था, उसने अपनी पूंछ को कृतज्ञतापूर्वक हिलाकर राम और सोनू को धन्यवाद दिया।

दूसरी बात उसी वक्त की है जब हम कार में रहते थे। गर्मी का मौसम था। हम रात को टेरेस पे या अपने रूम के बाहर सोते थे। हमारे रूमके बायें तरफ सीढ़िया ऊपर जाती थी , कुछ सीढ़ियों के बाद एक बड़ा स्पेस था उसके बाद फिर सीढ़ियाँ ऊपर गुजरातियों के घर के तरफ जाती थी। उस बड़े स्पेस में तुम्हारे अरविंद मामा सोते थे।

एक बार किसी दूसरे गांव का एक ब्राह्मण और एक हमाम किसी विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें मोहन मिल गया। मोहन ने ब्राह्मण को देखा तो उसने दोनों को अपने पास बुलाते हुए कहा कि आप तो मुझे ज्ञानी नजर आते हो, बताइए मेरी शादी कब और कहां होगी? इस तरह पहलवान का सवाल सुनकर दोनों ठिठक गए। हमाम काफी चतुर था उसने सोचा कि अगर हम इससे बहस करेंगे तो इसके बल के आगे हमारा कोई मुकाबला नहीं। हमाम को एक तरकीब सूझी और उसमे दूर एक ताड़ के पेड़ की ओर उंगली से इशारा करते हुए कहा कि आपकी शादी वहीं होगी। हमाम की बात सुनकर मोहन फूला नहीं समाया और प्रसन्न होकर उसने अपनी पांचों भैंसें दोनों को दान में दे दी और ताड़ के पेड़ की दिशा में चल पड़ा।

. सोनू घबराकर कुए के पास से चला जाता है और गांव वालों को कुए की बात बताता है..

 अचानक से कोई मेरे ऊपर बैठ गया और जोरजोर से मेरा गला दबाने लगा। पूरा शरीर भारी!! कोई मेरे ऊपर बैठा है और गर्दन दबा रहा है!! लेकिन मैं चिल्लाने की कोशिश करूं लेकिन बोल नहीं पा रहा। बहुत डर गया था। वह अनदेखी ताकत लगातार मेरे गले को दबा रही थी। मुझे याद आया कैसे मैं भूत को बहुत कुछ कह गया। मैंने मुश्किल से उसे बोला" माफ करदे भाई , वह बच्चा डरा हुआ था , उससे हिम्मत देने के लिए तुझे बहुत कुछ कह गया!

उस कब्र से जुड़ी अनगिनत कहानियां और रहस्य यही कह रहे थे कि राजा की आत्मा अब भी वहाँ है, और रात के समय में ही अपनी कहानियां सुनाती है। लोगों के मुताबिक, उसकी आत्मा को सुनकर उनके दिल में एक अजीब सी चुनौती पैदा हो जाती थी।

read more उसी रात, राजू ने खिलौना अपने सोने के समय के लिए उठा लिया। खिलौना जैसे ही उठा, उसमें वही सुरीली म्यूजिक और रंगत आई जो रात को होती थी। राजू का दिल खुशी से भर गया, और उसने उस सुरीली म्यूजिक के साथ अपने सपनों की दुनिया में सफर करना शुरू किया।

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